जहर के सामान होता है ऐसा भोजन,कभी नही करना चाहिए इसको.

आचार्य चाणक्य बताते है की कुछ एसे भोजन नही करने चाहिए जो आपके लिए बिष के सामान हो सकते है.

जब कोई एसा ब्यक्ति इस प्रकार का भोजन खा लेता है तो उसे पचाने में बहुत तखलीफ़ होती है.

अगर आपके साथ इसी स्थिति बनती है तो आपको भोजन बंद कर देना चाहिए.

आचार्य चाणक्य कहते है की अगर आप ऐसा भोजन करते है तो आप बीमार हो सकते है.

अगर आप बीमारी में एसा भोजन करते है तो बो आपके लिए जहर के समान होता है.

आदमी को तभी भोजन करना चाहिए जब उसके पेट का भोजन पच गया हो.

अगर आप ऐसा नही करते है तो आप बीमार हो जायेंगे और बह भोजन आपके लिए जहर के समान होगा.